Author name: Ajay kumar

द्वितीय विश्व युद्ध : कारण व प्रभाव

  द्वितीय विश्व युद्ध : पृष्ठभूमि, कारण व प्रभाव इस शताब्दी के इतिहास में ही नहीं, बल्कि मानव जाति के इतिहास मे भी द्वितीय विश्व युद्ध का विस्फोट एक निर्णायक घटना है। अनेक इतिहासकारों का मानना है कि वास्तव में यह त्रासदी इस अहसास के लिए जरूरी है कि समस्त भूमण्डल के देशों की नियति […]

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राष्ट्रीय शक्ति और तत्व

राष्ट्रीय शक्ति क्या है ? अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति के विद्वानों ने राष्ट्रीय शक्ति को राष्ट्र का एक सबसे बड़ा केन्द्र बिन्दु माना है, जिसके चारों ओर उसकी विदेश नीति के विभिन्न पहलू चक्कर काटते रहते हैं। राष्ट्रीय शक्ति राष्ट्र की वह क्षमता है जिसके बल पर वह दूसरे राष्ट्रों से अपनी इच्छा के अनुरूप कोई कार्य

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मार्गेंथाऊ के यथार्थवाद के छ: सिद्धांत

  हैंस जे. मार्गेंथाऊ शिकागो विश्वविद्यालय (अमेरिका) के राजनीति विज्ञान विभाग में प्राचार्य थे। वे इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी के सदस्य, वाशिंगटन सेंटर ऑफ फॉरेन पॉलिसी रिसर्च के सहयोगी तथा अनेक विश्वविद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर रह चुके थे। अंतर्राष्ट्रीय राजनीति की यथार्थवादी विचारधारा के वे प्रतिनिधि प्रवक्ता हैं, तथा वर्षों तक वे अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के

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अंतर्राष्ट्रीय राजनीति का अर्थ, परिभाषा, स्वरूप और विषय क्षेत्र

अंतर्राष्ट्रीय राजनीति का अर्थ: मुख्य रूप से राष्ट्रों के मध्य पाई जाने वाली राजनीति को अंतर्राष्ट्रीय राजनीति की संज्ञा प्रदान की जाती है। यदि राजनीति के अर्थ का अध्ययन करें तो इसके अंतर्गत तीन प्रमुख बातें सामने आती हैं- 1) समुदायों का अस्तित्व, 2) समुदायों के बीच मतभेद, 3) कुछ समुदायों द्वारा अन्य समुदायों के

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जॉन लॉक का सामाजिक समझौता सिद्धान्त

                  CONTENT: मानव स्वभाव की धारणा, प्राकृतिक अवस्था, सामाजिक समझौते का कारण, सामाजिक समझौता और राज्य की उत्पत्ति, लॉक के सामाजिक समझौते की विशेषताएं, लॉक के सामाजिक समझौते की आलोचना,   सामाजिक समझौता सिद्धान्त को वैज्ञानिक ढंग से प्रतिपादित करने वाले दार्शनिकों में हॉब्स और रूसो के

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मैकियावेली आधुनिक राजनीतिक चिंतन का जनक

  मैकियावेली आधुनिक राजनीतिक चिंतन का जनक अधिकांश विद्वान मैकियावेली को आधुनिक युग का जनक मानते हैं। एक ओर उसे मध्ययुग का अंतिम विचारक कहा जा सकता है तो दूसरी ओर आधुनिक युग में प्रथम। मैकियावेली को आधुनिक युग का जनक कहने का तात्पर्य यही है कि आधुनिक युग मैकियावेली से प्रारंभ होता है और

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मैकियावेली अपने युग का शिशु

  मैकियावेली अपने युग का शिशु के रूप में  सामान्यतः प्रत्येक दार्शनिक एवं विद्वान अपने युग का शिशु होता है क्योंकि उसके चिंतन पर समकालीन परिस्थितियों, घटनाओं एवं प्रचलित विचारधाराओं का प्रभाव पड़ता ही है और वह अपने देश और काल के रंग में रंगा होता है, परंतु फिर भी राजनीतिक विचारों के इतिहास में

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मैकियावेली के विधि और विधि निर्माता संबंधी विचार

विधि के संबंध में मैकियावेली के विचार अत्यंत ही संकुचित हैं। वह मध्यकालीन विचारकों की तरह प्राकृतिक अथवा दैवीय विधियों में विश्वास नहीं करता है। वह केवल नागरिक विधियों की कल्पना करता है, जो शासक के द्वारा बनायी जाती है। उसके अनुसार राज्य की स्थापना के पूर्व कोई कानून अथवा व्यवस्था का अस्तित्व नहीं था।

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मैकियावेली के राज्य संबंधी विचार

  मैकियावेली के राज्य संबंधी विचार राज्य की उत्पत्ति : यद्यपि मैकियावेली ने राज्य की उत्पत्ति पर स्पष्ट रूप से अपने विचार व्यक्त नहीं किये हैं परंतु फिर भी यत्र तत्र इस विषय में उसके कुछ विचार पढ़ने को मिलते हैं। मैकियावेली राज्य की उत्पत्ति का कारण मनुष्य के आसुरी और स्वार्थी स्वभाव को मानता

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भारतीय विदेश नीति:अर्थ,उद्देश्य,विशेषताएं

            CONTENT: विदेश नीति का अर्थ, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, भारतीय विदेश नीति के उद्देश्य, भारतीय विदेश नीति के निर्धारक तत्व, प्रमुख विशेषताएं या सिद्धांत, विदेश नीति का अर्थ विदेश नीति एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, जहां विभिन्न कारक (विभिन्न देश) विभिन्न स्थितियों में अलग-अलग प्रकार से एक दूसरे को प्रभावित

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