राजनीतिक सिद्धांत

नियंत्रण और संतुलन का सिद्धान्त

नियंत्रण और संतुलन का सिद्धान्त शक्ति पृथक्करण सिद्धांत का एक उप सिद्धान्त है। यह इस मान्यता पर आधारित है कि पूर्ण शक्ति पृथक्करण शासन संचालन के कार्य को असम्भव बना देता है। अतः शासन में संतुलन बनाये रखने के लिए ऐसे सिद्धान्त की आवश्यकता है जो शासन के अंगों की स्वेच्छाचारिता और शक्ति के दुरुपयोग […]

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शक्ति पृथक्करण का सिद्धांत

                  CONTENT: परिचय सिद्धांत की पृष्ठभूमि माॅण्टेस्क्यू सिद्धांत का प्रभाव सिद्धांत के पक्ष में तर्क सिद्धांत की आलोचना परिचय – शक्ति पृथक्करण का सिद्धांत इस विचार पर आधारित है कि निरंकुश शक्तियों के मिल जाने से व्यक्ति भ्रस्ट हो जाते हैं और अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने

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विकासवादी सिद्धांत

विकासवादी सिद्धांत (EVOLUTIONARY THEORY)   परिचय (introduction) – अब तक राज्य की उत्पत्ति के संबंध में जिन सिद्धांतों का प्रतिपादन किया गया, उनमें दैवी सिद्धांत, शक्ति सिद्धांत, सामाजिक समझौता सिद्धांत, पैत्रक सिद्धांत और मात्रक सिद्धांत हैं, लेकिन राज्य की उत्पत्ति की व्याख्या के रूप में इनमें से किसी भी सिद्धांत को स्वीकार नहीं किया जा

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सामाजिक समझौते का सिद्धांत: हाब्स,लाॅक,रूसो

   सामाजिक समझौते का सिद्धांत (social contract theory)             CONTENT : परिचय, इस सिद्धांत का विकास, थांमस हाब्स (1588 – 1679), जाॅन लाॅक (1632 – 1704), जीन जेकस रूसो (1712-1767), सामाजिक समझौता सिद्धांत की आलोचना,   परिचय – राज्य की उत्पत्ति के संबंध में सामाजिक समझौता सिद्धांत बहुत अधिक महत्वपूर्ण

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शक्ति सिद्धांत

शक्ति सिद्धांत (POWER THEORY)   परिचय –  शक्ति सिद्धांत के अनुसार राज्य एक ईश्वरीय संस्था नहीं वरन् एक मानवीय संस्था है, जिसकी उत्पत्ति बल प्रयोग के आधार पर हुई है। बल प्रयोग ही राज्य की उत्पत्ति का कारण और वर्तमान समय में राज्य के अस्तित्व का आधार है। राज्य उच्च शक्ति का परिणाम है और

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दैवीय सिद्धांत

दैवीय सिद्धांत ( DEVINE THEORY) राज्य की उत्पत्ति के संबंध में प्रचलित यह सिद्धांत सबसे अधिक प्राचीन है। इस सिद्धांत के अनुसार राज्य मानवीय नहीं बल्कि ईश्वर द्वारा स्थापित संस्था है। ईश्वर यह कार्य या तो स्वयं ही करता है या इस संबंध में अपने किसी प्रतिनिधि की नियुक्ति करता है। राजा ईश्वर का प्रतिनिधि

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राज्य और उसके तत्व

  राज्य और उसके तत्व( state and its element) राज्य का अर्थ एवं परिभाषा मध्ययुगीन परिभाषाएं राज्य के तत्व   राज्य का अर्थ एवं परिभाषा (meaning and definition) प्राचीन विचारकों के अनुसार– प्राचीन विचारक राज्य के 2 लक्षण मानते हैं। प्रथम राज्य व्यक्तियों का एक समुदाय है और द्वितीय राज्य व्यक्तियों के शुभ और लाभ

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